आज की नई Hindi Sex Story मैं आपका सभी का स्वागत है।
नमस्कार दोस्तों,
सबसे पहले मैं अपने बारे में कुछ बताना चाहूँगा।
मेरा नाम है अंकित है… मैं एक 5.8 फीट कद का लड़का हूँ। मेरे लंड का साइज़ 6 इंच है और यह औसत से कुछ ज़्यादा ही मोटा है। मेरी उम्र 19 साल है।
यह न्यूड फॅमिली Xxx कहानी अभी कुछ दिन पहले की ही है, जब मैंने मेरे पड़ोस की एक आंटी और उनकी बड़ी लड़की ने मिलकर सेक्स किया था।
लड़की का नाम रूचि है और उसकी उम्र करीब 20 साल की होगी। वह एक दुबली पतली, बिल्कुल करीना कपूर टाइप की लड़की है।
उसके दूध के थन भी छोटे हैं और गांड भी ज्यादा बड़ी नहीं है। पर उसमें एक कशिश है, जो लड़कों के लंड को एक पल में खड़ा कर सकती है।
मैंने कुछ दिन पहले ही रूम चेंज किया था जो की एक बिल्डिंग के दूसरे फ्लोर पर है।
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पहले फ्लोर पर रूचि अपनी मां के साथ रहती है। उसकी एक बहन और भी थी जिसका पता मुझे बाद में चला था।
जिस दिन मैंने रुचि को देखा तो मुझे उसे पर प्यार आने लगा और मेरा मन उसके साथ सेक्स करने का था। पर मैंने सोचा कि अभी थोड़ा रुक जाता हूँ, बाद में इसके साथ सैटिंग करूंगा।
ऐसे ही सात- आठ दिन बीत गए और कुछ नहीं हुआ। फिर एक दिन मेरे घर की बाल्कनी में से एक कपड़ा उनकी बाल्कनी में चला गया मैं अपना कपड़ा लेने उनके घर गया। मैं जाकर उनके घर का दरवाजा खटकाया, तो दरवाजा खोलने के लिए आंटी आई। उसे वक्त मेरी पहली मुलाकात आंटी से हुई।
मैंने कहा- आंटी, मेरा एक कपड़ा मतलब मेरा कच्छा आपकी बाल्कनी में उड़ कर आ गया है। क्या मैं उसे ले सकता हूँ?
आंटी- हां आ जाओ बेटा, ले लो! यहीं कहीं पड़ा होगा।
उन्होंने पजामा और टी-शर्ट पहनी हुई थी, वह भी बिना ब्रा के। जबकि रूचि ने शॉर्ट्स और क्रॉप टॉप पहना हुआ था।
फिर मैं अन्दर गया और उनकी बाल्कनी में जाकर अपनी चड्डी उठाने लगा। उसी वक्त आंटी भी बाल्कनी में आ गईं और मेरे बारे में पूछने लगे कि तुम क्या काम करते हो। ऐसे ही कुछ टाइम तक हम बातें करते रहे।
बातों बातों में मैं उनकी टी-शर्ट में से थिरकते मम्मों को ताड़ रहा था और इसी वजह से मेरा लंड कड़क होता जा रहा था।
लंड फूला तो वह साला साफ दिखने लगा था। क्योंकि मैं पतला शर्ट और लोअर पहना हुआ था।
आंटी ने धीरे से मेरे लंड पर हाथ रखते हुए हंस कर कहा- यह क्या है?
मैंने भी हंस कर कहा- अरे कुछ नहीं आंटी, यह ऐसे ही आपकी वजह से हो गया है।
आंटी भी हल्के से हंसने लगीं। यह सब कुछ रुचि भी देख रही थी, तो रूचि को थोड़ा अजीब लगने लगा।
वह मुझसे बाहर जाने को कहने लगी।
पर आंटी ने बाहर का दरवाजा पहले ही बंद कर दिया था। इससे मैं खुश था पर रूचि को कुछ खास फर्क नहीं पड़ रहा था।
तभी आंटी ने अपनी टी-शर्ट ऊपर उठा कर हटा दी। मैंने अचकचा कर देखा तो उनके बूब्स लटक रहे थे।
रूचि ने आंखें बंद कर ली और अंदर जाने लगी तो आंटी ने रुचि को पड़कर उधर ही बैठने को कहा।
पर वह मान नहीं रही थी तो आंटी ने उसे कुछ इशारा किया, जिससे वह चुपचाप एक तरफ बैठ गई।
मैं समझ नहीं पाया कि यह क्या हुआ।
आंटी ने रुचि को क्या इशारा किया जिससे वह चुपचाप बैठ गई।
तभी आंटी ने मुझे आंख मार कर एक सीटी मारी और लंड निकालने का इशारा किया।
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मैंने भी झट से अपना लंड निकाला और आंटी को दिखाने लगा।
आंटी ने मेरे करीब आकर लंड हाथ में पकड़ा और मुझसे बोलीं – वाह मस्त हथियार है, बाबू, अब तक यह कितनी सुरंगें खोद चुका है?
मैंने कहा- अरे आंटी, क्या बात कर रहे हो अभी तक तो किसी सुरंग के पास भी नहीं गया। शायद आज आपकी सुरंग से इसकी ओपनिंग हो जाए।
यह सुनकर आंटी की खुशी का ठिकाना न रहा। वो कुंवारा लंड देख कर तुरंत अपने घुटनों पर बैठ गईं और मुँह में लंड लेकर चूसने लगीं।
मैं भी आंटी के सर पर दोनों हाथों को रखकर उनके मुँह को चोदने लगा और मैंने जीभ को अपने होंठों पर फेर कर रूचि को आवाज दी, कि आ जा मेरी रानी कुँवारे लंड की एक जप्पी तो ले ले।
वह मुस्कुरा दी और मेरे नजदीक आ गई।
मैंने उसके शॉर्ट्स की इलास्टिक में उंगलियां फँसाईं और उसे नीचे को झटका दे दिया। रुचि ने भी अपनी पैंटी समेत शॉर्ट्स को उतार दिया।
उसकी गुलाबी चूत देख कर मेरा लंड और ज्यादा सख्त हो गया, जो आंटी के गले में गड़ने लगा था।
मैंने रुचि की चूत को अपनी उंगलियों से सहलाया और उससे कहा- अपनी चूत मेरे मुँह पर लगा दे। उसने पास में रखे सोफ़े पर खड़े होकर अपनी टांगें फैला कर मेरे मुँह में चूत लगा दी।
अब मैं आंटी को लंड चुसवा रहा था, वे जमीन पर बैठ कर लंड का स्वाद बड़े जोश के साथ ले रही थीं और मैं उनकी बेटी रुचि की चूत अपनी जीभ से चाट रहा था।
कुछ देर यूं ही लंड चुसवाने के बाद मैंने आंटी को घोड़ी बनने को कहा। वह झट से मान गई और घोड़ी बन गई। ऐसा लग रहा था, जैसे कि उनका गांड मरवाने का मन कुछ ज्यादा ही कर रहा था।
उसके बाद मैंने अपना लंड उनकी गांड में पेल दिया।
आंटी तो भारी चुदक्कड़ थीं।
लंड मक्खन में चाकू की मानिंद जैसे घुसता चला गया, मानो उनके हर छेद में किसी भी लंड को फ्री आवा-जाही का पास मिला हुआ हो।
मैंने कुछ देर तक चूत मारने के बाद लंड बाहर निकाला और रुचि को नीचे बैठने को कहा। उसके बाद मैंने लंड को पौंछ कर रूचि के मुँह में दे दिया।
उसे मेरे चूत रस लगे लंड को चूसने में कुछ घिन सी आने लगी, पर फिर भी वो लंड को चूसने लगी।
अब मैं आंटी की मोम्मे चाटने लगा। जिस से मुझे और आंटी को मज़ा आ रहा था।
मैंने रुचि को लिटा दिया ओर रूचि की चूत में लंड को पेल दिया।
मैं रुचि को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.
तभी आंटी ने अपना मुँह रुचि की चूत पर लगा कर, उसे चाटने लगी।
रुचि ने अपनी मम्मी के मुँह में मूत दिया।
एकदम से पेशाब की धार आंटी के मुँह में गई तो उनको उल्टी हो गई और उधर सारा माहौल बहुत गंदा हो गया।
मैंने भी अपना लंड रुचि की चूत से निकाल लिया और अपने घर आ गया।
अपने कमरे में आकर मैंने खुद को साफ किया और एक सिगरेट पीने लगा और सोचने लगा कि किस तरह रांड मां बेटी हैं, साली बिना कुछ परिचय के चूत और गांड खोल कर चुदवाने लगी थीं।
वह सब कुछ सोच सोच कर मुझे बहुत ही मजा आ रहा था।
कुछ देर बाद मुझे दुबारा से उनके साथ चुदाई करने का मन हुआ। क्योंकि मेरा काम अधूरा रह गया था।
तो मैं वापस उनके घर चला गया।
उधर वे दोनों नंगी लिपटी पड़ी थीं और लेस्बियन सेक्स कर रही थीं।
मुझे वापस आया देख कर रुचि खुश हो गई और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बाथरूम में ले गई। बाथरूम में उसने मुझसे अपने दूध चुसवाए और घोड़ी बन कर चूत चटवाई। मैं वहां पर उसकी चूत चोदना चाहता था लेकिन मैं रुचि की चूत नहीं चोद पाया क्योंकि वहां इतनी जगह नहीं थी।
मुझे भी रुचि के साथ फ़ोरप्ले सेक्स करने में काफी मजा आया।
जब मैं बाहर निकला तो देखा कि आंटी शराब से भरे गिलास में पैग लगा रही थीं और किसी कोठे वाली रांड की तरह सिगरेट फूँक कर धुआं निकाल रही थीं।
मैंने उन्हें नंगी बैठे देखा, तो उनके हाथ से सिगरेट लेकर एक जोर का सुट्टा मारा और सिगरेट हाथ में लिए हुए ही उनका पैग का गिलास उठा कर एक ही सांस में गटक गया।
वे मुझे देखती रह गईं।
मैंने व्हिस्की का स्वाद ठीक करने के लिए सिगरेट को वापस मुँह से लगाया और कश खींच कर आंटी को सिगरेट पकड़ा दी।
अब मैंने कहा- लव यू आंटी *** कमाल की माल हो आप दोनों।
इतने में रुचि बाहर आ गई और मुझको अपने सीने से लगा कर चूमने लगी।
मैंने उसे आंटी के सामने बिस्तर पर लिटाकर चोदना चाहां, तो आंटी ने रोक दिया और बोली- पहले मुझे चोद, फिर इसे चोदना।
रूचि अपनी मम्मी से भिड़ गई, कहने लगी – पहले मैं मजा लूंगी इसके साथ! बाद में तुम।
दोनों में झगड़ा होने लगा तो रूचि बोली- अंकित तुम अभी जाओ, बाद में फिर से आना।
ऐसे ही कई दिन बीत गए, मैं लगभग हर दूसरे दिन उनसे मिलने चला जाता था।
लेकिन चुदाई नहीं कर पाया।
फिर एक दिन आंटी किसी काम से घर से बाहर जाते हुई मैंने देख लिया।
उस दिन रुचि ही घर में अकेली थी।
मैं मौके का फायदा उठाते हुए उसके घर आ गया और अब घर में मैं और रूचि ही थे।
हम दोनों पैग बनाने लगे और बात करने लगे।
मैंने उस दिन की बात फिर से छेड़ दी.श।
उसने मुझे बताया – मेरी मां बहुत बड़ी रंडी है। वह ऐसे ही कभी भी बाहर चुदवाने चली जाती है। वह मुझको भी अपने साथ लेस्बियन सेक्स के लिए घसीटती है। लेकिन मुझे लेस्बियन सेक्स बिल्कुल भी पसंद नहीं है। मैं ज्यादातर उनके साथ सेक्स करने वालों से दूर ही रहती हूँ। वे जब भी किसी बाहर वाले को चुदवाने के लिए घर बुलाती हैं, मैं उसी वक्त अपने कमरे में चली जाती हूँ। पर उस दिन मैंने तुमको देखा तो मुझे तुम्हारा लंड और तुम काफी अच्छे लगे। क्योंकि तुमने कहा था कि तुम कुँवारे हो।
इसी तरह की बातें करते हुए हम दोनों ही तीन तीन पैग पी चुके थे और अब नशा भी गहरा हो गया था।
उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और बोली- आज मुझे चोदने का मन नहीं है क्या?
मैंने कहा- कैसी बात कर रही हो, आज तो इतने दिन बाद अकेले में चुदाई करने का मौका मिला है। अधूरा काम भी पूरा करना है। आज तो खुल कर मजा लूँगा।
वह बोली- तो आ जाओ राजा!
मैंने अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिए और हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए और एक दूसरे को चूमने लगे।
उसके रस भरे होठों को चूसने में कुछ अलग ही मजा आ रहा था।
मैं उसकी गांड दबाने लगा और उसकी गांड में उंगली करने लगा।
ऐसे ही चूमते चूमते मेरा लंड खड़ा हो गया।
मैंने धीरे से उसकी पैंट खोली और उसमें अपना लंड लगा दिया।
चूत में लंड लगते ही मुझे मज़ा आ गया क्योंकि रुचि की चूत काफी सख्त (टाईट) थी और गोरी भी।
मैंने थोड़ा जोर लगाकर घपाक से लंड अन्दर पेल दिया और रुचि भी मजे से अपनी चूत का भोसड़ा बनवाने लगी।
वह मुझसे मस्ती से चुद रही थी और मैं भी उसके ऊपर चढ़ कर उसकी चूत में लंड को सटासट अन्दर बाहर करता जा रहा था।
तभी रुचि बोली- मेरे दूध भी तो चूसो ना राजा!
मैंने उसके एक दूध को अपने मुँह में लेने के लिए खुद को उसके ऊपर झुकाया, तो उसने मेरे मुँह में अपना दूध दे दिया।
मैं उसके निप्पल को अपने होंठों में दबा कर खींचते हुए चूसने लगा और वह सिसकारी भरती हुई मुझे उत्तेजित करने लगी।
उसकी टाइट चूत के कारण मेरे लंड में और ज्यादा सख्ती आ गई थी।
मैं उसके दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसता हुआ उसकी चूत की बखिया उधेड़ रहा था।
फिर कुछ देर बाद मैं रुचि को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। घोड़ी बनकर चुदवाई करवाने में रुचि को काफी मजा आ रहा था और वो जोर जोर से सिसकारियां भरने लगी।
कुछ ही देर में मेरे लंड को उबकाई आ गई और उसने रुचि की चूत में ही अपनी उल्टी कर दी।
रुचि भी मेरे साथ ही झड़ गई थी।
हम दोनों अपनी सांसें नियंत्रित करने लगे।
फिर हंसते हुए रुचि ने कहा- आज असली मजा आया है। अब तक मैं अपनी मम्मी की वजह से सही से चुदाई का मजा ले ही नहीं पाई थी।
हम दोनों उठ कर बैठ गए मैं सिगरेट सुलगा कर रुचि से फिर से पैग बनाने के लिए कहने लगा।
उसने एक लार्ज पैग बनाया और हम दोनों एक ही पैग से शराब की चुस्कियां लेते रहे
कुछ देर बाद फिर से चुदाई का मूड बन गया और हम दोनों ने वापस में चुदाई शुरू कर दी।
इस बार रुचि ने मेरे लौड़े पर चूत फंसा कर काऊगर्ल पोजीशन में चुदाई का खेल शुरू कर दिया।
चुदाई के तीन दौर पूरा करते करते शाम हो गई।
मैं थक कर वहीं सो गया था।
देर रात को आंटी वापस आ गईं।
उन्होंने मुझे देखा तो खुश हो गईं और मुझसे सेक्स के लिए बोलने लगीं।
मैंने भी हां कर दी ओर उनके साथ बेड पर लेट गया।
वे मेरे लौड़े को चूस कर खड़ा करने लगीं और मैंने उनको घोड़ी बनाया और चुदाई करने लगा।
रुचि पीछे से मुझे मेरे चूतड़ों पर चिकोटी काट रही थी और मैं उसे हंस हंस कर मना कर रहा था।
बाद में वह मुझे अपने दूध चुसवाने लगी और मेरे व आंटी के साथ थ्रीसम सेक्स में शामिल हो गई।
मुझको उस दिन उन दोनों के साथ सेक्स करने में बहुत मज़ा आया।
अब मैं उन दोनों के साथ रोज सेक्स करता हूँ।
एक दिन हम तीनों सेक्स कर रहे थे, मुझे नहीं मालूम था कि रुचि के पापा भी इस घर में आते हैं। मुझे तो आंटी ने यही बताया था कि वे अपने पति से अलग हो गई हैं।
उस दिन उसके पापा ने मुझे रुचि को चोदते हुए पकड़ लिया और मुझको गाली देने लगे।
मैं समझ ही नहीं पाया कि यह आदमी कौन है।
तभी रुचि ने अपने कपड़े पहन कर उन्हें पापा कहा, तो मैं घबरा गया।
मैं उनसे सॉरी कहने लगा।
पर तभी एक कमाल की घटना घट गई।
उन्होंने न जाने क्या सोचा, मेरी गांड पर हाथ फेरने लगे और मुझसे घोड़ी बनने को कहने लगे।
मैं घबरा गया कि साला घर है या चिड़ियाघर है। यहां तो न्यूड फॅमिली Xxx सब लोग चुदक्कड़ हैं।
रुचि के पापा मेरी गांड मारना चाह रहे थे।
मैं मना भी नहीं कर पा रहा था।
उधर रुचि भी कह रही थी कि हां कह दो।
मैंने मजबूरी में हां कर दी और घोड़ी बन गया।
अंकल ने कहा- ये तेरी सज़ा है साले … तुम मेरी बेटी की चूत चोदते हो तो तुमको बदले में अपनी गांड मरवानी पड़ेगी।
उन्होंने अपनी बेटी रुचि से कहा- जा बेटी तेल ले आ!
रुचि तेल ले आई।
अंकल ने तेल को लंड पर लगाया और मेरी गांड मारने लगे।
अंकल का लंड भी किसी गधे के लंड जैसा लंबा और मोटा था।
मेरी गांड फट रही थी तो मैं मरी हुई कुतिया के जैसे मिमिया रहा था।
मेरा दर्द देख कर आंटी ने अंकल को गाली दी- उसको छोड़ दे भोसड़ी के … वह तेरे लंड को नहीं झेल पाएगा।
यह सुनकर अंकल ने आंटी को पकड़ लिया और उनकी चूत में पेल दिया।
आंटी उनके बड़े लंड से तड़पने लगीं।
उनको काफी दर्द हो रहा था और वे रो रही थीं।
मुझको मज़ा आ रहा था।
अंकल ने मुझसे कहा- देख साली रांड कैसा बिलबिला रही है।
मैंने अंकल से इशारे से कहा कि हां ऐसे ही करो।
मैं अपना लंड हिलाने लगा और मज़े लेने लगा।
तभी मैंने रूचि को खींच लिया और उसके साथ सेक्स करने लगा।
अब अंकल ने मुझे मना नहीं किया।
हम सबको इसी तरह से सेक्स करते करते कब रात हो गई, कुछ पता ही नहीं चला।
उसके बाद हम सभी ने कई बार साथ में सेक्स किया।
पर अभी भी रूचि की छोटी बहन हमारी चुदाई से दूर थी। वह बाहर हॉस्टल में रह कर पढ़ रही थी।
जब मुझे रुचि ने अपनी छोटी बहन पिंकी के बारे में बताया तो मैंने सोचा कि उसका भी मजा लेना चाहिए।
मैंने आंटी से उसकी चुदाई के लिए कहा तो उन्होंने साफ मना कर दिया कि नहीं उसे कुंवारी ही रहने देना चाहिए।
मगर मैंने पिंकी को चोदने का एक प्लान बना लिया।
जिस दिन पिंकी घर आई, उस दिन मैं जानबूझ कर आंटी को चोदने गया था।
मैं आंटी को चोदते हुए काफी शोर कर रहा था।
तभी पिंकी कमरे में घुस आई।
उसने देखा कि उसकी मां चुद रही है।
यह देख कर वह भौंचक्की रह गई।
उसके बारे में बताऊं तो वह 19 साल की थी और बहुत भरी हुई माल थी।
उसे देख कर लगता था कि साली रोज लंड लेती होगी।
वह किसी से कह ना दे, इसलिए मैंने उसे अपने पास बुलाया और उससे भी सेक्स करने को कहा।
मेरे लंड को देख कर वह चुदने के लिए मानी नहीं।
मेरा सपना उसकी चूत करने का अधूरा ही रह गया। लेकिन मैंने एक प्लान बनाया जिसमें मैं उसकी चूत मारने वाला था।
आज के लिए इतना ही, आगे की कहानी कभी और लिखूंगा.
जिसमें मैं आप लोगों को बताऊंगा कि मैं किस प्रकार पिंकी की चूत मारी।
एक सेक्स कहानी और भी है मेरे पास, उसमें मेरी ओर मेरे टीचर की चुदाई है।
वह कहानी भी काफ़ी मस्त है। उसमें मैंने अपनी टीचर को लंड के नीचे लेने के लिए बड़ी मस्त प्लानिंग की थी।
आप पढ़ेंगे तो आप भी किसी को उसी प्लानिंग से सैट कर सकते हैं।
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