बॉयफ्रेंड के बॉस का लौड़ा लेने में मजा आ गया – XXX Kahani

यह चुदाई सेक्स ड्रामा कहानी मेरी मम्मी की सहेली से जुड़ी हुई है। मैं और मेरी मम्मी हम एक साथ शहर में रहते है। मेरी मम्मी की एक सहेली है, जो हमारे पड़ोस में ही रहती हैं।

वे कभी कबार हमारे घर आती रहती हैं और कई बार जब मम्मी घर पर नहीं होती है तो वे मेरे साथ बातें करती और अपने घर की स्थिति के बारे में बताती।

दरअसल उनके पति की मृत्यु भी मेरे पापा के साथ ही एक एक्सीडेंट में हुई थी।

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उनके मात्र एक ही बेटा है।
उनके पति आर्थिक स्थिति में कुछ ठीक थे तो आंटी ने अपनी जिंदगी बैठे बैठे निकाल ली।

उनके बेटे अनिल की उन्नीस साल की उम्र में ही एक प्राइवेट जॉब लग गयी, जिससे उनके घर का गुजारा चल रहा था।
अब तक उनके बेटे को सर्विस करते हुए करीबन 4 साल हो चुके थे।

उसके बाद में लगने वाले बहुत से कर्मचारियों को प्रमोशन मिल चुका था, लेकिन उसे अभी तक प्रमोशन नहीं मिला था।

आंटी का बेटा अनिल इस बात से परेशान रहने लगा।
वह टाइम पर ना तो खाना खाता, ना सोता।
उसको परेशान देखकर आंटी भी टेंशन में रहने लग गई थीं।

उन्होंने अपने बेटे से जब परेशानी का कारण पूछा तो उसने कुछ नहीं बताया।

आंटी ने जब अधिक जोर देकर पूछा।
तो उसने कारण बताया कि उसके बाद वाले कर्मचारियों का प्रमोशन हो गया और उसका नहीं हुआ!
आंटी बोलीं- तू अपने बॉस से बात क्यों नहीं करता और यदि तेरे से नहीं होता है तो मैं उनसे बात करती हूँ!

यह सुनकर आंटी का लड़का एक दम से भड़क गया और बोला – नहीं मम्मी, आप कभी मेरे ऑफिस मत जाना!

उसके भड़कने और आंटी को ऑफिस ना आने की बात पर आंटी भी अचम्भित हो गईं थीं।
उन्होंने अपने बेटे को अपनी सर की कसम देकर पूछा कि सच सच बता कि बात क्या है?

तब उसने बताया कि उसका बॉस बहुत ही कमीना आदमी है और उसने जिन लोगों को प्रमोशन दिया है, वह अपने घर की औरतों या लड़कियों के साथ अपना बिस्तर गर्म करता है और उसके बाद उन्हें प्रमोशन दे देता है।

यह सुन कर आंटी परेशान हो गईं।
उन्हें कोई ओर रास्ता नहीं सूझ रहा था।

एक दिन मेरे से बात करते समय यह बात उन्होंने मुझे बताई।
आंटी की बात सुनकर मुझे भी अजीब सा लगा।

मैं आंटी की मदद करना चाहती थीं और कर भी सकती थी। पर आंटी से कैसे ऐसी बात खुल कर करूँ, मुझे कुछ समझ नहीं आया।

दरअसल मैं सेक्स के मामले में एकदम खुली हुई थी और अब तक मैंने बहुत से मर्दों के साथ सेक्स किया है।
मैं अपनी खुशी के लिए सेक्स करती हूँ न कि मुझे किसी तरह की कोई चुल्ल है।

उस दिन आंटी तो चली गईं पर, मैं टेंशन में रहने लगी और उसके बारे में कोई रास्ता खोजने लगी।

मुझे एक आइडिया सूझा।
मैंने आंटी के बेटे से दोस्ती कर ली, उसके साथ घूमने के लिए आने जाने लगी।

दो तीन दिन में अनिल खुद भी मेरे साथ एकदम फ्री हो गया।
मैं भी उसके साथ घुल मिल गयी।

एक हफ्ते में ही हम दोनों एक दूसरे को जानने लगे और बाहर होटल में जाने लगे।
उसी के साथ मेरी चुदाई भी शुरू हो गई।

मैं रात रात भर और कभी दिन में भी उसके साथ होटल में नंगी होकर चुदाई करवाती।

कुछ दिन बाद मैंने जानबूझकर उसके नौकरी और प्रमोशन की बात छेड़ी।

तो जैसे मैंने उसकी दुःखती रग पर हाथ रखा तो
उसने सब कुछ मुझे बता दिया जो कि मुझे पहले से ही मालूम था।

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मैंने उससे कहां की मैं तुम्हारी मदद करूंगी । उसके बाद हमने एक प्लान बनाना शुरू किया।

एक दिन अनिल अपने बॉस से मिला और प्रमोशन की डिमाण्ड करने लगा।
उसने बॉस से कह दिया- मेरे से जूनियर लोगों का प्रमोशन हो गया है, मेरा क्यों नहीं हो रहा है।

उसका बॉस भी गजब का हरामी था, उसने भी सीधा जवाब दे दिया- अनिल तुम्हें पता है कि उनका प्रमोशन क्यों हुआ है और तुम्हारा क्यों अटका है?

अनिल को बॉस की बात समझ आ गयी।
वह बोला- मेरी बूढ़ी माँ के अलावा मेरा कोई रिश्तेदार नहीं है, पर मेरी एक गर्लफ्रैंड है। आप कहो तो उसे भेज दूंगा या आप कहो तो उसके घर पे लेकर चल सकता हूँ आपको!

यह सुनते ही उसका बॉस एकदम से खुश हो गया और बोला- नेकी और पूछ पूछ?
वह बोला- कब चलना है?
अनिल- जब मेरी मम्मी घर पर नहीं होंगी, तब आपको अपने साथ ले चलूँगा सर।

फिर आखिर वह पल आ ही गया जब अनिल अपने बॉस को मेरे घर ले आया।

उसने मुझे पहले से बता दिया था तो मैं तैयार होकर उन दोनों के इंतजार में बैठी ही थी।

दरवाजे पर दस्तक हुई।
मैंने जाकर आराम से दरवाजा खोला।

दरवाजा खोलते ही वह दोनों अन्दर आ गए और सोफे पर बैठ गए।

मैंने पानी चाय पूछ कर अनजान बनते हुए जानबूझकर अनिल को पूछा- ये कौन हैं?
अनिल ने मुझे अपने बॉस से मिलवाया और आने का कारण बताया।

मैंने जानबूझकर आनाकानी करने की नौटंकी की।

पर मुझे देखते ही उसके बॉस के अंदर का जानवर रेडी हो चुका था।
वह अब हर हाल में मुझे चोदना चाहता था।

जब मैंने मना किया तो वह अनिल पर गुस्सा होकर चिल्लाने लगा और अनिल लाचारगी में मुँह ढीला करके बैठ गया।

उसके बॉस ने गुस्से में होश गँवा दिए थे और वह मेरे साथ जबरदस्ती करने पर उतारू हो गया।
जो कि हम चाहते ही थे।

मैं जल्दी से भागकर उसी कमरे में घुस गई जहां पहले से हमने कैमरा सैट किया हुआ था।

उसने मुझे पकड़ कर जबरदस्ती मेरा सलवार कुर्ता फाड़ दिया अब मैं सिर्फ ब्रा पैंटी में रह गई थी।

बॉस ने मुझे अपने दोनों हाथों से कस कर अपनी बांहों में जकड़ लिया और मुझे चोदने को बेक़रार हो रहा था।

मैंने झूठ-मूठ का छूटने का प्रयास किया पर एक हटे कटे मर्द से छूटना इतना आसान तो था नहीं।

अनिल कैमरे की ऑन स्क्रीन में आना नहीं चाहता था इसलिए वह कमरे से बाहर ही रहा।

अब उसके बॉस ने मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और ब्रा पैंटी भी खोल दी। कमरे का दरवाजा खुला था अनिल बाहर से सब कुछ देख रहा था।
वह मेरे ऊपर से उठा और जल्दी से दरवाजा बंद किया।

अब मैं भाग नहीं सकती थी और ना ही भागना चाहती थीं। पर मैंने जबरदस्ती चुदाई वाला नाटक उसी प्रकार चालू रखा।

उसने अपने सारे कपड़े एक ही झटके में उतार दिए और जन्मजात नंगा हो गया।

उसका लम्बा लंड देखकर मैं तो ललचा ही गयी थी। पर अपना नाटक करते हुए उसके सामने गिड़गिड़ाई, हाथ पैर जोड़े।
पर वो कहां मानने वाला था, उस पर तो चुदाई का भूत चढ़ चुका था।

उसने मुझे लालच दिया, जॉब ऑफर … पर हमारा तो खेल अलग ही था, चुदाई सेक्स ड्रामा चल रहा था मेरी तरफ से!

जब मुझे मना नहीं पाया तो फिर अपने बाहुबल का उपयोग करके मेरे ऊपर चढ़ गया।

मैं भी तो उसी पल का और उसके नए लंड का इंतजार कर रही थी।

उसने मेरे दोनों हाथ कस कर पकड़ लिए और मेरे होंठों को बड़ी बेरहमी से चूमने लगा।
जब रसीले होंठों को अच्छी तरह निचोड़ चुका तो उसने मेरे मम्मों को चूसना और मसलना शुरू कर दिया।

दोस्तो, आपको तो पता होगा कि जब मर्द औरत के मम्मों को चूसता है तो औरत की चूत की खुजली बढ़ ही जाती है और अंदर की वेश्या बाहर आ जाती है।

अब जब मैं पूरी तरह से चुदवाऊं हो गयी थी, मुझसे रहा ही नहीं जा रहा था। पर फिर भी मैंने अपना नाटक चालू रखा…. क्योंकि मुझे पता था कि पंछी पूरी तरह जाल में फंस चुका है और अब कुछ ही सेकेंड में उसका प्यारा लंड मेरी चूत की गहराइयों को नापने वाला है।

थोड़ी देर तक मम्मों को टटोल कर उसने अपना हथियार मेरी गर्मागर्म और गौरी चूत पर सैट कर दिया।
आखिर वह घड़ी भी आ गयी, जिसका इंतजार हम दोनों कर रहे थे।

उसका मोटा 7 इंच का लम्बा लंड एक ही झटके में मेरी चूत के सागर में गोते खाने लगा।

अब मेरी सांसें भी मेरा साथ छोड़ चुकी थीं।
मैं भी उस चुदाई का मजा मन ही मन लेने लगी थी।

पर मैंने वीडियो कैमरे का पूरा ध्यान रखा जिससे कि कुछ शक के दायरे में ना आ जाए।

मैं तड़फने का नाटक करती रही और किसी अबला नारी की तरह अपनी इज्जत लुटवाने वाली किसी मजबूर लड़की की एक्टिंग करती रही।

इस तरह करीब 10-15 मिनट तक चुदाई के बाद वह मेरे ऊपर से उठ गया।

जब वह उठा तो मैं जानबूझकर कर रोने लग गई औऱ उसे कोसने लगी।

वह मुस्कराता हुआ बाहर निकला और उसके निकलते ही मैं भी उसके पीछे बाहर आ गई।

मैं अनिल से चिपक कर एक विजेता की तरह मिली।

उसका बॉस जा चुका था और अगले दिन अनिल को प्रमोशन लेटर मिल गया था और मेरे हाथ में वह वीडियो था।

यह वीडियो मैंने इसलिए नहीं बनाया था कि मैं उसे धमका सकूँ … बल्कि इसलिए बनाया था ताकि वह मुझे चोदने के बाद भी प्रमोशन में आना-कानी न करने लगे कि मजा नहीं आया। दूसरी, तीसरी बार चोदने की बात करने लगे। तब ऐसी स्थिति में मैं उसे यह वीडियो दिखा कर समझआ सकूँ कि बेटा अब तेरे लंड की मां की चूत हो सकती है।

लेकिन एक बात थी कि अनिल के बॉस से चुदने के बाद मैं खुद अनिल के लंड से चुदने से दूर भगाने लगी थी।

अनिल के बॉस का लंड वाकई बहुत दमदार लंड था।

जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैं एक दिन अनिल के साथ उसके बॉस के ऑफिस में पहुंच गई।
उसका बॉस मुझे देख कर मुस्कुरा दिया।
मैं कुछ नहीं बोली।

वह मुझे अपने केबिन में ले गया और उसने अनिल को किसी बहाने से बाहर भेज दिया।
अनिल के बाहर जाते ही उसने अपनी ऑफिस के दराज से वोदका की बोतल निकाली और एक पैग बना कर मेरी तरफ सरका दिया।

मैंने उस गिलास को नहीं उठाया।
वह बोला- बहुत ही लाइट है … तुम्हें अच्छी लगेगी … प्लीज एक बार चेक तो कर लो।

मैं भी दारू पीने का शौक रखती थी तो मैंने उस गिलास को उठाया और एक ही सांस में पूरा खाली कर दिया।

वह हंसने लगा और बोला- गुड … यह तो और भी अच्छा है कि एक ही बार में खत्म कर दिया।

मैंने मुँह बनाते हुए स्वाद ठीक करने जैसी स्थिति बनाई।
तो उसने चखने का डिब्बा मेरी तरफ सरका दिया।

मैंने दो काजू खाए और उसकी तरफ वासना से देखने लगी।

वह हंस दिया और बोला- कुछ देर तक तुम्हें देखने का मन कर रहा है, उसके बाद बात करेंगे … ठीक है ना!
मैंने कहा ठीक है।
मैं समझ ही नहीं पाई कि उसने वोदका वाले गिलास में कोई कामोत्तेजना बढ़ाने वाली दवा मिलाई हुई थीं।
उसका नतीजा भी बॉस के मुताबिक ही निकला।

अगले कुछ मिनटों तक मैं उसे देखती रही और वो एक सिगरेट सुलगा कर मेरी तरफ धुआं उड़ाता रहा।

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