भाभी के मायके में उनकी छोटी बहन की चुदाई

Xxx विलेज गर्ल सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मैं भाभी के साथ उनके मायके आया. भाभी की छोटी बहन मुझे पसंद करती थी. तो मेरी और उसकी शादी की बात चल पड़ी.

दोस्तो, कैसे हो सब? उम्मीद करता हूं कि सब को ही गर्म चूत और लौड़ों का आनंद मिल रहा होगा. आपने मेरी पहली कहानी
ढोंगी चोदू बाबा
तो पढ़़ी ही होगी. अगर नहीं पढ़ी है तो अब पढ़ लो। मजा आ जाएगा।

गर्म गर्म हिन्दी सेक्स कहानी पढ़कर आपको सर्दी में गर्मी का अहसास मिलेगा. मेरा दावा है कि महिला पाठक उस स्टोरी को पढ़कर चूत मसल देंगी और अंदर घुसाने के लिए लंड ढूंढने लगेंगी.

आज मैं अपनी नई Xxx विलेज गर्ल सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हूं.

जैसा कि मैंने आपको बताया था कि ये कहानी गांव में अजीब हालात में और बहुत ही अलग ढंग से होने वाली चुदाई है।

तो आज फिर से एक और नई चुदाई का मज़ा लो दोस्तो.
यदि आपको मज़ा नहीं आये तो कमेंट्स में जरूर बताना.

आपके कमेंट्स पढ़ने से भी कई बार इतना मज़ा आ जाता है कि जैसे कोई गर्म चूत मिल गई हो.

अब मैं Xxx विलेज गर्ल सेक्स स्टोरी शुरू करता हूं.
ऋतु भाभी और मैं शहर से शॉपिंग करके आए.
(मेरी पिछली कहानी ‘भाभी की शहर में चुदाई‘ पढ़ें).

भाभी ने राज खोला कि ये शॉपिंग इसलिए हुई है कि मैं अपने घर जाऊंगी और तुम्हारे रिश्ते की बात करके आऊंगी।

मैंने भाभी को बांहों में पकड़ कर बोला- भाभी मैं भी चलूं आपके साथ?
वो बोली- तेरा जाना अच्छा नहीं लगेगा।
मैं उदास हो गया और घर वापस आ गया.

मैं सोचने लगा कि ऐसा क्या जुगाड़ करूं कि भाभी मुझे अपने साथ ले जाये.

फिर मैं भाई के साथ खेत में चला गया.

खेत में एक ख्याल मेरे दिमाग में आया कि रात को तो भाई गन्ने लेकर मिल में जाने के लिए रवाना हो जायेगा.
क्यों न रात में भाभी की चुदाई करके उसको मनाया जाये?

वैसे भी भैया भाभी को तो साथ लेकर नहीं जायेंगे क्योंकि उनकी खेत वाली चूत चुदाई का सारा मजा खराब हो जायेगा.
इसलिए इस मौके का मुझे फायदा उठाना चाहिए.

रात हो गयी तो सब सोने लगे.

पापा हमारे घेर (प्लाट) में सोते हैं और भाई-भाभी, मां और मैं घर में ही सोते हैं.

अब मैं बस मां के सोने का इंतजार कर रहा था. मगर मेरा भतीजा अभी भी जाग रहा था. वो साला सो ही नहीं रहा था.
मेरी भाभी उसको गोद में लेकर यहां वहां घूम रही थी.

मां मेरी भाभी से बोली- इसे मुझे दे दे, मैं सुला दूंगी. तू जाकर सो जा.
भतीजे को लेकर मां अपने कमरे में चली गयी.
मगर वो अभी भी रो रहा था.

फिर जाकर मैंने उसको गोद में ले लिया और उसको इधर उधर घुमाने लगा.

काफी देर बाद वो सो गया तो मां ने कहा- इसे बहू के पास सुला दे और तू भी सो जा, बहुत रात हो गई है।

मैं उसे लेकर भाभी के पास गया, मैंने देखा तो भाभी भी सो रही थी।
मैंने धीरे से उसे लेटा दिया और भाभी को जगाने लगा।

मगर भाभी गहरी नींद में थी।
मैं उनके पैर पर हाथ रख कर सहलाने लगा और उनकी साड़ी को ऊपर उठाया. उसकी चिकनी जांघें नंगी हो गयीं.

उनके घुटनों तक मैं हाथ फिराने लगा.
काफी मजा आ रहा था मुझे! मगर वो कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही थी.

फिर मैंने साड़ी को और ऊपर करना चाहा लेकिन वो ऊपर नहीं हो रही थी. साड़ी भाभी की जांघों तले दबी हुई थी.

फिर मैंने अपना हाथ ही साड़ी के अंदर घुसा दिया। मेरा हाथ भाभी की चूत से टकरा गया।

भाभी एकदम से बैठ गई और मेरी तरफ देखा. फिर अपने बेटे की ओर देखा तो वो सो रहा था.
उसके बाद भाभी ने मेरा हाथ देखा और फिर अपनी साड़ी ऊपर कर दी.

मैं अब मज़े से उनकी चूत पर हाथ फिराने लगा.
वो भी मजे लेने लगी.

भाभी फिर खुद ही मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़वाने लगी.
मैं उनको किस करते हुए चूत को मसलने लगा तो भाभी का पानी छूट गया.
वो हांफने लगी.

अब भाभी को थोड़ा होश आया और वो बोली- अब तुम बाहर जाओ, मम्मी जी जाग जाएंगी।
मैंने उठकर मां के रूम में देखा तो वो सो रही थी.
आकर मैंने भाभी को कहा- मां तो सो रही है.

भाभी बोली- यहां नहीं कर सकते, तुम समझो बात को, मम्मी जी बार बार उठ जाती हैं रात में, तुम जाओ और सो जाओ.
मैं बोला- कल मुझे भी अपने साथ ले चलो न प्लीज?
भाभी ने मना कर दिया.

फिर मैंने कहा- ठीक है, जब आप कल चली ही जाओगी तो आज तो मुझे करने दो कुछ?
काफी कहने के बाद भाभी मानी.

हम दोनों उठकर बेड पर आ गए तो मैंने भाभी की साड़ी उतार दी और ब्लाउज के हुक खोल दिए.
भाभी बोली- अपने कपड़े भी उतार दे या बस मुझे ही नंगी करेगा?

मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए और भाभी ने दरवाजा बंद कर दिया और बेड पर वापस लेटने लगी.

आते ही मैंने उनका पेटीकोट ऊपर उठाया और लंड अंदर डालने लगा.
भाभी बोली- लेटने दो तो मुझे?
मगर मैंने खड़े खड़े ही लंड को अंदर पेल दिया।

फिर भाभी की कमर को पकड़ कर धक्के मारने लगा.

भाभी ने भी मेरी कमर पर हाथ रख कर धक्का दिया और हम जोर जोर से एक दूसरे को चोदने लगे।

कुछ देर के धक्कों के बाद वो फिर झड़ गई और मेरे कंधे पर सिर रख कर लंबी सांसें लेने लगी.

मुझे तो मज़ा आ रहा था. आह … आह … करते हुए मैं चूत चोद रहा था.

भाभी ने मुन्ना की तरफ देखा. वो गहरी नींद में था.
वो बोली- हम बेड पर लेटकर भी कर सकते हैं. यहां खड़े खड़े ही चोदेगा क्या?

फिर मैंने भाभी को कमर से लिपटे हुए ही ऊपर उठाया और लंड अंदर घुसे हुए ही बेड पर गिरा दिया.
इससे इतनी जोर से भाभी की चूत में धक्का लगा कि उसकी आह्ह … निकल गयी. मगर मुझे तो मजा आ गया.

ये तो बिल्कुल ही नया तरीका मिल गया था चूत फाड़ने का.

मैं भाभी के होंठ चूसने लगा और कमर हिला कर धक्के मारने लगा.
भाभी भी अपनी गांड उठा कर पूरा मज़ा ले रही थी। भाभी के होंठ चूसने पर तो मुझे और ज्यादा नशा हो रहा था और मैं जोर जोर से चोदने लगा.

वो भी पूरी मस्ती में चूर हो गई और सिसकारियां भरने लगी- आह … आह … आह … आराम से करो … आह … धीरे से … आह्ह … ओह्ह …
ऐसे करते हुए पांच मिनट के बाद फिर से भाभी की चूत ने पानी छोड़ दिया.

कुछ देर के बाद मैं भी झड़ गया और दोनों जोर से सांसें लेने लगे.
वो बोली- देखा, थक गये ना … कहा था कि थोड़ा आराम से किया करो.
उसके बाद मैं कुछ देर भाभी से लिपटा रहा और फिर अपने रूम में वापस आ गया.

मुझे गहरी नींद आ गयी और फिर मेरी आंख सुबह ही खुली.

मैंने उठकर देखा तो भाभी घर में नहीं थी.

सब लोग उठ गये थे लेकिन भाभी कहीं दिखाई नहीं दे रही थी.
मैंने सोचा कि कहीं वो अपने घर तो नहीं चली गयी?

फिर मैंने भाई को देखा और पता चला कि वो अभी नहीं गयी थी.
मैंने भाई से कहा- सोनम बुलाने आयी थी आपको.
वो ये सुनकर कुछ सोचने लगा.

मुझे पता था कि भाई क्या सोच रहा था.
दरअसल सोनम और उसकी मां दोनों हमारे खेत पर काम किया करती थीं.

भाई शायद यही सोच रहा था कि अगर खेत में सोनम या उसकी मां मिल गयी तो दोनों में किसी एक की मोटी गांड चोदने को तो मिल ही जायेगी.

वो बोला- मगर मुझे तो तेरी भाभी को छोड़ने जाना था.
मैंने कहा- तो फिर खेत में कौन देखेगा?
वो बोला- तू ऐसा कर, अपनी भाभी के साथ तू ही चला जा. खेत का काम जरूरी है.

मैंने मन ही मन सोचा- खेत का नहीं, चूत का काम जरूरी है.
फिर मैंने कहा- ठीक है. तो आप मां को इस बारे में बोल दो. मैं चला जाऊंगा.

भाई उसके बाद मां के पास गया.
मैं खुश हो गया क्योंकि अब मेरा प्लान कामयाब होने वाला था.

कुछ देर के बाद फिर मैं भाभी के पास गया.
वो बोली- आ गया तू? कल से तू भी जिद कर रहा था. चल आज तू ही चल मेरे साथ.
मैंने अनजान बनते हुए कहा- भाई नहीं जा रहा क्या आपके साथ?
वो बोली- उसे कुछ जरूरी काम है, तू ही चल.

फिर मैंने मुस्कराते हुए कहा- मैं तो तैयार ही रहता हूं हमेशा आपके साथ चलने के लिए भाभी जी!
वो बोली- अब ज्यादा मस्ती मत कर और जल्दी से तैयार हो जा.

उसके बाद मैं मुस्कराते हुए वहां से आ गया.

हम दोनों तैयार होने लगे.

कुछ देर के बाद फिर नाश्ता किया और हम भतीजे को लेकर दोनों घर से निकल लिये.

रास्ते में भाभी के साथ बहुत सारी बातें हुईं और हम दोनों उनके मायके वाले घर आ गये.

उनके घर जाकर मैं तो एक रूम में बैठ गया मगर भाभी के घर वाले मेरे भतीजे के साथ खेल रहे थे.

फिर हमने खाना खाया।

उसके बाद बात हुई मेरी शादी की.

भाभी की बहन प्रिया भी वहीं थी.
वो मुझे देखकर मुस्करा रही थी.
उसी के साथ शादी की बात चल रही थी.

फिर उनके घर में भी सबने इस रिश्ते के लिए हां कर दी.
अब रात हो गई.

उस दिन उनके पड़ोस में जागरण हो रहा था.
चूंकि गांव था तो सब लोग ही शामिल होते हैं. हम लोग भी जाकर जागरण देखने लगे.

मगर मेरी नजर प्रिया को देख रही थी.
वो भी मुझे देख रही थी.

कुछ देर बाद मैंने भाभी से कहा- मुझे नींद आ रही है.
वो बोली- ठीक है, थोड़ी देर के बाद हम भी चलते हैं.

फिर मैं दोबारा से एक कोने में आकर खड़ा हो गया.
प्रिया और मेरी नजरें फिर से मिलीं.
वो फिर से मुस्कराने लगी.

मैंने उसको इशारे से बुलाया तो उसने इग्नोर कर दिया।
अब मैंने मायूस सा चेहरा बना लिया और चुपचाप खड़ा हो गया.
उसके बाद मैं टेंट के बाहर आ गया.

बाहर आकर मैं फोन को देखने लगा तो उसमें 6 मिसकॉल थी.

2 भाई के नम्बर से और चार किसी अनजान नम्बर से.

फिर मैंने उसी अनजान नम्बर से एक मैसेज देखा.
उसमें लिखा था- मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है- प्रिया.

मैंने उस नम्बर पर कॉल किया तो किसी ने कुछ जवाब नहीं दिया.
फिर उसका मैसेज आया- बाहर अकेले में मिलो.
ये देखकर तो मेरा लौड़ा खड़ा हो गया.

फिर मैं टेंट के अंदर गया तो वो मुझे ही देखकर मुस्करा रही थी.
मैंने उसे इशारा किया तो उसने हां में गर्दन हिला दी।

फिर वो भाभी से कुछ बात करके बाहर आ गई और बोली- चलो घर चलते हैं।

मैं उसके साथ चल दिया- बोलो, क्या बात करनी है?
प्रिया- कुछ खास नहीं. बस शादी के बारे में ही कुछ बात करनी थी.
मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा और सहलाने लगा तो उसने हटा दिया.

वो बोली- पागल हो गये हो क्या, यहां गली में ही शुरू हो गये.
फिर मैंने उसे सॉरी बोला.

फिर हम घर आ गए.
उसने फर्स्ट फ्लोर पर एक कमरे की लाइट ऑन की और मुझे बोली- यहां सोना है आपको.

मैं बोला- और तू कहां सोएगी?
वो बोली- दूसरे कमरे में।
मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने ऊपर खींच लिया और बोला- मेरे पास ही सो जाओ।

वो बोली- अभी हमारी शादी हुई नहीं है। जब होगी तो साथ ही रहेंगे।
मैं- मतलब?
प्रिया- अरे, शादी से पहले अच्छा नहीं लगेगा। मैं वापस जा रही हूं।

मैंने उसे जोर से पकड़ लिया और बोला- अभी तो कोई नहीं है घर में, चलो थोड़ी देर तो साथ लेट जाओ?
प्रिया- शिवम्, मुझे वापस जाना है वरना सबको पता चल जाएगा कि मैं और तुम …

मैं- तो क्या होगा? वैसे भी हम शादी तो करेंगे ही … थोड़ा सा प्यार आज भी कर ले।
ये बोलकर मैंने फिर से प्रिया को किस कर दिया।

अब वो भी मेरे होंठों को चूम रही थी।

पगली लड़की … पूरा होंठ चूसने के चक्कर में भूल गई कि आज उसकी चूत का कबाड़ होने वाला है.
मैं भी किस करता रहा।

फिर काफी देर तक उसके रसीले होंठ चूसने के बाद मैंने उस परी की नर्म नर्म कमर को पकड़ा और करवट बदल ली.

अब वो मेरे ऊपर से नीचे आ गई. मैंने उसकी गर्दन को चूमना शुरू किया तो वो साली सिसकारी भरने लगी- उफ्फ आह … ओह्ह … आह्हा।
मैं उसके शर्ट के ऊपर से ही उसकी चूची दबाने लगा.

उसकी आवाज़ और तेज हो गई- आह्ह शिवम् … नहीं … बस करो … आह्ह … शिवम् … कोई आ जायेगा … आह … आह … नहीं।
मैंने उसकी चूची छोड़ दी और कमरे का दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया.

वो बोली- शिवम् कोई आ गया तो?
मैं बोला- इतनी जल्दी कोई नहीं आएगा. अगर आ भी गया तो मेन गेट तो खुला है. आ जाएगा और सो जायेगा. वैसे भी काफी रात हो रही है।

ये सुनकर वो थोड़ी शांत हो गई।

मैं फिर उसके पास गया और उसको बांहों में लेकर फिर से लेट गया और उसके गालों पर किस कर दिया. फिर होंठ व गर्दन चूमने लगा.

वो पूरी मस्ती में सिसकारी भर रही थी और उसकी आवाजें तो मुझे पागल कर रही थी.
फिर मैंने उसके सूट को पकड़ा और ऊपर की तरफ इशारा किया तो वो बैठ गई और उसने अपना कमीज उतार दिया।

चूमने से उसका चेहरा लाल हो गया था. उसका पूरा शरीर उसके चेहरे की तरह बहुत गोरा था।
प्रिया के गोरे बदन पर क्रीम कलर की ब्रा … उफ्फ … मस्त माल लग रही थी वो किसी हीरोइन के जैसे।

मैं तो उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूची दबाने लगा.
वो भी गर्म हो गयी और फिर उस साली ने मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूची पर दबा दिया।

उसकी नर्म नर्म चूची पर मुंह लगाते ही मैं तो पागल हो गया.
मन कर रहा था कि उसकी चूचियों को खा लूं.

मैं तो सोच रहा था कि पहली बार में इतनी मस्त होकर चुसवा रही है तो ये फिर पूरी जिन्दगी ही मजा देगी.

उसकी ब्रा को मैंने खोल दिया और उसके दूध जैसे चूचों को मसल मसल कर पीने लगा.
उसने अपनी टांग मेरी कमर पर लपेट दी.

मैं समझ गया कि अब इसकी चूत में खुजली होने लगी है.
चूची से ध्यान हटाकर मैं उसकी सलवार को खोलने लगा.

उसने अपना जिस्म ढीला छोड़ दिया.
मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खींच लिया और उसकी कमर पर हाथ रख कर उसे गांड उठाने को बोला.

उसने अपने दोनों पैर मेरे कंधों पर रख दिए।

मैंने उसकी सलवार खींच ली और फिर पैंटी भी उतार दी।

अब मैंने उसकी छोटी सी चूत के छेद पर ध्यान दिया.
उसकी चूत गुलाबी रंग के जैसी थी, शायद वो उंगली करती हो या पहले चुदाई कर चुकी होगी क्योंकि चूत के दोनों होंठ अलग दिख रहे थे।

उसकी उम्र भी 23 की थी तो चूत फैलने भी लगती है इस उम्र तक।

मैंने उसकी टांग उठाकर फिर से कंधों पर रखी और उसकी चूत को चाटने लगा.
और वो तो साली पागल हो गई. जोर जोर से मादक आवाज करने लगी.

उसको मैंने धीरे आवाज करने के लिये कहा.
वो थोड़ी शांत हुई और फिर मैं उसकी चूत में जीभ देकर चाटने लगा.

अपनी टांगें उसने मेरी गर्दन पर लपेट दीं.
फिर उसका पानी निकल गया और वो लेटी लेटी ही मेरे मुंह में अपनी चूत धकेल रही थी.

उसकी चूत का पानी पीकर मजा आ गया. मैंने फिर अपने सारे कपड़े उतार फेंके और बिल्कुल नंगा हो गया.

मेरे लंड को देखकर वो बोली- हम्म … ऋतु ने सही कहा था. तुम्हारे भाई की तरह तुम्हारा भी बड़ा ही है.
मैं बोला- तुम्हें कैसे पता?
वो बोली- दीदी कह रही थी कि जीजा का बड़ा है और उसके छोटे भाई का भी बड़ा ही होगा.

ये सुनकर मैं थोड़ा हैरान हुआ लेकिन फिर इस पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. मैंने सोचा कि शायद इन दोनों बहनों में काफी खुला रिश्ता होगा इसलिए शेयर करती होंगी ऐसी बातें.

मैंने उसको लंड चूसने को बोला तो वो मेरे लंड को मस्ती में चूसने लगी.

फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसकी चूचियों को पीने लगा.
वो मेरी कमर पर हाथ फिरा रही थी.

मैंने सोचा कि इससे पहले कि ये दोबारा झड़े, मैं इसकी चूत मार लेता हूं.

मैं ऊपर खिसका और उसकी चूत पर लंड रख कर छेद में रगड़ने लगा तो उसने आंखें बंद कर लीं.

मैंने एक धक्का मारा और लंड अंदर घुसा दिया.
प्रिया की चीख निकल गई और वो बोली- आह शिवम् … फट गई … आह शिवम् … बाहर निकालो।

उसके होंठों को मैंने अपने होंठों में लॉक कर लिया. मगर वो फिर भी हाथ पैर मारती रही. कुछ देर के बाद उसका शरीर ढीला पड़ गया.

फिर मैं चोदने लगा तो वो फिर से छटपटाने लगी.
मगर अब मैं नहीं रुका.
वो तड़पती रही और मैं चोदता रहा.

कुछ देर के बाद उसे मजा आने लगा और वो मेरा साथ देने लगी.
जब तक मेरा पानी न निकल गया मैं उसे चोदता रहा.
20 मिनट के बाद मैंने उसकी चूत में पानी छोड़ दिया.

चुदने के बाद वो उठी और साइड में बैठकर अपनी चूत को देखने लगी.
उसकी चूत से खून निकल आया था.
वो बोली- देखो … क्या कर दिया तुमने?

मैंने उसको लिटाया और उसको किस करते हुए कहा- कुछ नहीं होगा. दस मिनट के बाद सब ठीक हो जायेगा.

तभी उसका फोन बजने लगा. नम्बर देखा तो भाभी का फोन था.

फोन मैंने उठाया क्योंकि प्रिया से बात नहीं संभलने वाली थी.
भाभी- प्रिया कहां है तू?
मैं- भाभी मेरे पास है, ऊपर!

भाभी- क्या कर रहे हो तुम दोंनों?
मैं- प्यार!
भाभी- पागल … मम्मी पूछ रही है प्रिया के बारे में। जल्दी से इसको नीचे भेज.

फिर मैंने प्रिया को नीचे जाने के लिए कहा. वो कहने लगी कि दर्द हो रहा है, अभी नहीं जा पायेगी.

इतनी देर में फिर से भाभी का फोन आया.
वो बोली- कहां रह गयी?

मैं- भाभी आप अकेली ही हो ना?
भाभी- हां, बोलो क्या हुआ?
मैं- भाभी ऊपर आओ, एक प्रॉब्लम हो गई है।
भाभी- ठीक है, आती हूं.

इधर प्रिया परेशान हो गई।
प्रिया- अरे उसे क्यूं बुलाया ऊपर? अब वो मेरा मजाक बना लेगी यार … जल्दी से कपड़े पहनो और मुझे भी दो कपड़े।

मैंने कपड़े पहने और प्रिया को भी उठा कर दिए.

भाभी ने दरवाजा बजाया तो मैंने खोल दिया।

भाभी भी साली पूरी चालू थी. उसने बेड से नीचे पड़ी पैंटी उठाई और हंसने लगी।

हम दोनों कपड़े पहनने की जल्दी में भूल गए कि प्रिया ने बस सलवार पहनी है, पैंटी याद नहीं रही उसे।
भाभी- तो तुम दोनों ने सुहागरात मना ली है?

प्रिया कुछ नहीं बोली और बेड पर बैठ गई.
मैं भी चुप हो गया और दरवाजे के पास ही खड़ा रहा.

भाभी- इतनी क्या आग लग गई थी कि शादी होने तक भी न रुका गया?

प्रिया- ऋतु मजाक मत कर यार … दर्द हो रहा है। गधे जितना बड़ा है इसका … पूरा पेल दिया।
भाभी- तो मत पेलने देती … तूने ही तो खोली होगी अपनी?

फिर प्रिया बोली- देख … मैं तुझे बाद में बता दूंगी. तू अब कुछ सोच. मैं नीचे नहीं जा सकती. उठा भी नहीं जा रहा.
भाभी- चल ठीक है, मैं छोटू को ऊपर ले आती हूं. हम दोनों इसी कमरे में सो जायेंगे।

प्रिया- शिवम् कहां सोएगा?
भाभी- यहीं तेरे साथ ही लेटा ले.
कहकर वो हंसने लगी.

प्रिया- देख ऋतु … ज्यादा हंस मत।

फिर प्रिया लेट गई और भाभी मुझे नीचे लेकर आ गई।
उन्होंने छोटू को उठाया और मुझे बोली- तुम यहां सो जाओ, मम्मी आए तो बता देना. हम सब ऊपर वाले कमरे में ही सोएंगे।

मैं- ठीक है भाभी।
भाभी- चल अब सो जा … या एक बार और करेगा?
मैं- नहीं भाभी, उसको दर्द हो रहा है. और नहीं करना अभी।

भाभी – ठीक है सो जा। मैं देख लूंगी उसे तो. मुझसे पूछे बिना चूत फड़वा ली.

फिर कुछ देर बाद प्रिया की मां यानि मेरे भाई की सास आयी.

वो बोली- वो दोनों कहां हैं?
मैंने बताया कि भाभी और प्रिया तो ऊपर वाले कमरे में चली गई. छोटू को भी ले गई।

सास- चल ठीक है, सो जा. मैं तो प्रिया को देखने ही आई थी. वो वहां भी नहीं थी. पता नहीं किस टाइम चली आई, उसने बताया भी नहीं।

मैं तो चुपचाप पड़ा रहा। कुछ भी बोलता तो फंस जाता.

फिर मेरी सास चली गई. वो रात भर जागरण में रही.

अगले दिन मैं और भाभी घर वापस आ गये.

भाभी ने रास्ते में बताया कि कैसे उन्होंने रात भर प्रिया का मजाक बनाया.
प्रिया ने उन्हें पूरी चुदाई के बारे में बताया था।

तो दोस्तो, इस तरह से मैंने अपनी भाभी की बहन यानि कि मेरे भाई की साली और मेरी होने वाली बीवी की चुदाई शादी से पहले ही कर दी.